Tuesday 28 May 2019

RO को बैन करे सरकार : एनजीटी

नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने केंद्र सरकार से कहा है कि जिन इलाकों में पानी ज्यादा खारा नहीं है, वहां रिवर्स ओस्मोसिस (आरओ) उपकरणों के इस्तेमाल पर बैन लगाया जाए। एनजीटी ने सरकार को इस बारे में नीति बनाने का भी निर्देश दिया। आदेश में कहा गया है कि जिन जगहों पर पानी में टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स (टीडीएस) की मात्रा 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है, वहां घरों में सप्लाई होने वाले नल का पानी सीधे पिया जा सकता है।

एनजीटी ने यह भी कहा कि 60 फीसदी से ज्यादा पानी देने वाले आरओ के इस्तेमाल की ही मंजूरी दी जाए। सरकार की प्रस्तावित नीति में आरओ से 75 फीसदी पानी मिलने और रिजेक्ट होकर निकलने वाले पानी का इस्तेमाल बर्तनों की धुलाई, फ्लशिंग, बागवानी, गाड़ियों और फर्श की धुलाई आदि में करने का प्रावधान होना चाहिए। एनजीटी ने केंद्र सरकार से यह भी कहा है कि लोगों को मिनरल वाले पानी से सेहत को संभावित नुकसानों के बारे में भी बताया जाए।

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने उसके द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद आदेश पारित किया और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को निर्देश दिए। कमिटी ने कहा कि अगर टीडीसी 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है तो आरओ प्रणाली उपयोगी नहीं होगी बल्कि उससे महत्वपूर्ण खनिज निकल जाएंगे और साथ ही पानी की अनुचित बर्बादी होगी।

एनजीटी ने कहा, 'पर्यावरण एवं वन मंत्रालय उन स्थानों पर आरओ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाली उचित अधिसूचना जारी कर सकता है जहां पानी में टीडीएस 500 एमजी प्रति लीटर से कम है और जहां भी आरओ की अनुमति है वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि 60 प्रतिशत से अधिक पानी को पुन: इस्तेमाल में लाया जाए।'

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