एग्जिट पोल में केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के कयासों के बीच गठबंधन सहयोगी बसपा प्रमुख मायावती से सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने दोनों की तस्वीर ट्वीट की है। साथ ही कैप्शन लिखा है कि अब अगले कदम की तैयारी। अखिलेश आज दोपहर बसपा प्रमुख के घर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक बात हुई। लोकसभा चुनाव से पहले उप्र में सपा बसपा और रालोद ने गठबंधन कर लिया था। इन दलों ने इसी गठबंधन के अनुसार, सीटों का बंटवारा कर लोकसभा चुनाव लड़ा।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर भाषा को बताया कि 'भविष्य में पार्टी की क्या रणनीति रहेगी इसका खुलासा चुनाव का अंतिम परिणाम आने के बाद ही किया जाएगा लेकिन तब तक बहन जी लखनऊ में ही रहेंगी।' विभिन्न एग्जिट पोल के आधार पर यह कहा जा सकता है कि सपा-बसपा गठबधंन उत्तर प्रदेश में भाजपा की 2014 की सीटों में कमी तो लाएगा लेकिन इसके बावजूद वह केंद्र में राजग को सरकार बनाने से नहीं रोक पायेगा।
गठबंधन की दोनों पार्टियों के नेता हालांकि यह मानने को कतई तैयार नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी को तीन सौ से अधिक सीटें मिलेंगी और वह आसानी से केंद्र में सरकार बना लेगी। एक अन्य नेता ने कहा, 'हमें (सपा-बसपा-रालोद) 55 सीट से कम तो किसी भी हालत में नही मिलेंगी। गठबंधन ने बहुत अच्छा काम किया है और हम अस्सी में से साठ सीटों की उम्मीद कर रहे हैं। हम एक्जिट पोल से सहमत नहीं है।'
पार्टी के एक नेता ने बताया कि 'पार्टी के नेताओं को कहा गया है कि वह राजधानी 23 मई को चुनाव परिणामों के बाद आयें और तब तक वह अपने-अपने क्षेत्रों में रहे।' साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को 71 सीटें तथा उसके सहयोगी अपना दल को दो सीटें, समाजवादी पार्टी को पांच, कांग्रेस को दो सीटें मिली थी जबकि बसपा का खाता भी नहीं खुला था।
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