गोरखपुर के कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के संत निरंकारी भवन परिसर में हुए हत्याकांड को थाना पुलिस ने हत्या के 4 महीने बाद सुलझा लिया है. हत्या की कहानी आरोपी ने इस क़दर रची थी की उसको परख्पाना पुलिस के लिए मुसीबत बन गया था.
दरअसल इस मामले में संत निरंकारी भवन परिसर में महिला का पति सुबह थाना पहुंचता है और पुलिस को बताता है की 31 दिसम्बर हम और हमारी पत्नी अलाव ताप रहे थे, तभी तीन लोग गेट कूदकर अंदर आ गए तीनो ने शराब पी रखी थी. उन लोगो ने पहले मुझे मारा और मेरा हाथ पैर बांधकर मेरी पत्नी का रेप किया फिर उसकी हत्या कर दी।
इसी कहानी के आधार पर पुलिस को चार महीने तक गुमराह करता रहा। लेकिन पुलिसिया जांच में महिला की हत्या के सारे शक पति पर ही जा रहे थे। आखिकार नार्थ एसपी अरविन्द पांडेय ने पति के ऊपर अपना शिकंजा बढ़ाया वह टूट गया और अपनी पत्नी की हत्या को खुद स्वीकार किया। हत्या के पीछे जो पति ने जो वजह बताई वह हैरान करने वाली थी, उसने बताया कि उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह था, वह अत्यंत झगड़ालू किस्म की थी। मना करने के बाद वह नही मानती थी, जब मैं मजबूर हो गया तब सोचा कि ऐसी औरत के साथ रहने से कोई फायदा नही है। घटना की रात उन दोनों में काफी झगड़ा हुआ था, इस दौरान हाथा पाई भी हुई इसी दौरान डंडे की चोट लगने से उसकी मौत हो गयी।
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