Thursday 30 May 2019

मोदी शपथ समारोह में कौन कौन होगा शामिल , जानिये इससे जुडी 10 बड़ी ख़ास बातें

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार फिर अपनी प्रचंड जीत के साथ आज दूसरी बार शपथ ग्रहण करेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 68 वर्षीय मोदी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलावाएंगे। इस मौके पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित शीर्ष विपक्षी नेता, उद्योग जगत के दिग्गज, फिल्मी सितारे, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और बिम्सटेक सदस्य देशों के नेता मौजूद रहेंगे। लेकिन इन सब के बावजूद अभी भी यह रहस्य बरक़रार है की गृह, वित्त, रक्षा और विदेश इन चार प्रमुख का प्रभारी कौन बनेगा।

इससे पहले मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लगातार दूसरे दिन बुधवार को एक लंबी बैठक की। ऐसा समझा जाता है कि इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने नये मंत्रिमंडल की व्यापक रूपरेखा तय की। उम्मीद की जा रही है कि नये मंत्रिमंडल में अधिकतर वरिष्ठ मंत्रियों को बरकरार रखने के अलावा कुछ नये चेहरों को भी शामिल किया जाएगा। पढ़ें इससे जुड़ी 10 खास बातें:

1- भाजपा के कई नेताओं का मानना है कि पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के अधिकतर प्रमुख सदस्यों को बरकरार रखा जा सकता है। वरिष्ठ सदस्यों जैसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर के अपना स्थान बरकरार रखने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के अमेठी में राहुल गांधी को हराने वाली ईरानी को एक प्रमुख प्रभार मिलने की उम्मीद है।

2- शपथ ग्रहण से एक दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वह खराब सेहत के चलते नयी सरकार में मंत्री पद के इच्छुक नहीं हैं। ऐसे संकेत हैं कि नये मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा की बढ़ती ताकत प्रतिबिंबित हो सकती है।

3- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शाह से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने सरकार में जनता दल यू के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की।

4- लोकजनशक्ति पार्टी ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें उसके अध्यक्ष रामविलास पासवान को मोदी सरकार में उसके प्रतिनिधि के तौर पर शामिल करने की सिफारिश की गई।

5- राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। इसका इस्तेमाल आम तौर पर देश की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकार के प्रमुखों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाता है।

6- मोदी को जब शाम करीब सात बजे शपथ दिलायी जाएगी तब यह दूसरी बार होगा जब वे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ लेंगे। मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2014 में दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलायी थी। इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलायी गई थी।

7- शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यामां के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग ने कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि पहले ही कर दी है।

8- थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी बूनराच देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। सरकार ने इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गीस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया है।

9- आमंत्रित किये गए विपक्षी नेताओं में तृणमूल कांग्रेस नेता एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जदएस नेता एवं कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।

10- बता दें कि बनर्जी ने शुरू में कहा था कि वे कार्यक्रम में शामिल होंगी लेकिन बुधवार को घोषणा की कि वे भाजपा के इस आरोप पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शामिल नहीं होंगी कि उसके 54 कार्यकर्ताओं की पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में हत्या कर दी गई। विपक्षी नेताओं को आमंत्रण चुनाव के बाद उन नेताओं तक पहुंच बनाने के मोदी के कदम के तौर पर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की।

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