Thursday 30 May 2019

उत्तराखंड के जंगलो में लगी भीषण आग, हेली सेवायें हुई प्रभावित

उत्तराखंड में गर्मी का कहर कुछ इस तरह पड़ा है की बड़े बड़े पहाड़ से लेकर मैदान तक राख ही राख नजर आ रही है. जंगल के जीव जंतु व समीप रहने वाले स्थानीय निवासिओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. मंगलवार रात तक 160 स्थानों पर जंगल आग से झुलस रहे थे. रानीखेत में घिंघारीखाल से लगे भंगचौड़ा के जंगल की आग के सैन्य सीमा क्षेत्र की ओर बढ़ने पर सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला। मशक्कत के बाद उन्होंने आग पर काबू पाने में सफलता पाई।

तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही राज्यभर में जंगलों के धधकने का सिलसिला तेज हो चला है। पिछले 24 घंटे के दरम्यान 112 स्थानों पर आग लगी। अभी भी राज्यभर में जंगल जगह जगह धधक रहे हैं. मंगलवार को स्थिति अधिक गंभीर हो गई। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों में तमाम स्थानों पर जंगल सुलग रहे थे। ऊधमसिंहनगर जिले के जंगलों का कुछ हिस्सा भी झुलसा है। चमोली जिले में जंगलों की आग से उठ रहे धुएं से हेली सेवाएं भी प्रभावित हुई। वनकर्मी सीमित संसाधनों के बूते आग पर काबू पाने की जिद्दोजहद में जुटे हुए हैं। राजस्वए पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीआरडी जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण आग बुझाने में सहयोग दे रहे हैं। बावजूद इसके आग विकराल रूप धारण करती जा रही है। ऐसे में विभाग की परेशानी बढ़ गई है।

जंगलों में आग से धुंध इस तरह फैली है की मानो दो कदम आगे कुछ है ही नहीं. इस भिषण गर्मी में जंगल की आग की अब तक 1420 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 1840 हेक्टेयर क्षेत्र में वन संपदा को भारी क्षति पहुंची है। आग की लगातार बढ़ती घटनाओं से वन विभाग को भारी परेशानियों का जोखिम उठाना पड़ रहा है. इसे देखते हुए वन मुख्यालय ने सभी वन प्रभागों को फायर वाचरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि आग पर नियंत्रण पाया जा सके।

नोडल अधिकारी वनाग्निद्ध प्रमोद कुमार सिंह के मुताबिक मंगलवार रात राज्यभर में 160 स्थानों पर आग की सूचना थी। इस पर काबू पाने के लिए वन कर्मी जुटे हुए थे। ग्रामीण भी इसमें निरंतर सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो तीन दिनों से पहाड़ों में तापमान में इजाफा हुआ है, जिससे आग की घटनाएं बढ़ी हैं। आग पर नियंत्रण के मद्देनजर सभी वन प्रभागों को फायर वाचरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अन्य विभागों का सहयोग लेने को भी कहा गया है।

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