Monday 27 May 2019

स्मृति इरानी ने सुरेंद्र सिंह की अर्थी को दिया कंधा

दिवंगत पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह का 21 वर्षीय बेटा अभय नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी को देख रो पड़ा तो उन्होंने उसे खुद से चिपका लिया। उसका हाथ अपने सिर पर रखकर कहा, ‘कसम खाओ मेरी कि तुम कुछ गलत नहीं करोगे’। बोलीं, तुमने अपने पापा को और हमने अपना भाई खोया है। इतना सुन वहां खड़ा हर शख्स सन्न रह गया। स्मृति अभय का हाथ पकड़ घर से बाहर आईं और कहा, आओ कंधा देते हैं। एक तरफ स्मृति ने अर्थी में कंधा लगाया तो दूसरी ओर बेटे अभय ने। पिता के गम में सुधबुध बेटा कुछ कदम चलकर लड़खड़ाया तो भाजपा के दूसरे बड़े नेताओं ने अर्थी थाम ली।

स्मृति दीदी की जीत में की थी मदद
सुरेंद्र सिंह की पत्नी रुक्मणि सिंह ने कहा, ‘स्मृति इरानी मुझसे मिलीं और उन्होंने इस बात का आश्वासन दिया कि वह अपने बच्चों की तरह ही मेरे बच्चों का भी ख्याल रखेंगी। उन्होंने हमें सुरक्षा दिलाने की बात भी कही। यह एक राजनीतिक लड़ाई है, उन्होंने दीदी (स्मृति इरानी) की जीत में मदद की थी। यहां कई कांग्रेस कार्यकर्ता हैं।’


बहन ने उठाई भाई की अर्थी तो रो पड़ी हर आंख 
बता दें कि बीजेपी कार्यकर्ता और पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह का शव अंतिम दर्शन के लिए बरौलिया गांव लाया गया था। दिल्ली से लखनऊ पहुंचने के बाद स्मृति सड़क मार्ग से अमेठी पहुंचीं। शव को देखते ही स्मृति की आंखें नम हो गईं और वह नि:शब्द। उन्होंने अपने जुझारू कार्यकर्ता को मन भर के देखा और उसके चरणों में अपने सिर रख दिया। मृत शय्या पर कार्यकर्ता और उसके चरणों पर स्मृति ईरानी का झुका शीश था। जो इस बात की तस्दीक कर रहा था कि अमेठी से जो रिश्ता उन्होंने जोड़ा है वह अटूट है।

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