सपा बसपा के महागठबंधन की पकड़ कमजोर होती दिख रही है . समाजवादी पार्टी की और से योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में राज करने वाले नेता प्रवीन कुमार निषाद आज भाजपा में शामिल हो गए हैं. जिस वजह से समाजवादी पार्टी को एक और नया झटका लगा है।
भाजपा की और से गोरखपुर की कमान लगभग प्रवीण कुमार निषाद के हाथों में आना तय है | इसके साथ ही इनके पिता तथा निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी महराजगंज से भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। निषाद पार्टी का गोरखपुर के साथ ही बस्ती, महराजगंज, देवरिया व डुमरियागंज में अच्छा प्रभाव है। उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी का भाजपा में विलय होने से लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को पूर्वांचल में लाभ हो सकता है। निषाद पार्टी ने हाल ही समाजवादी पार्टी से रिश्ता तोड़ा है।
गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद के पिता संजय निषाद पूर्वांचल में प्रभाव रखने वाली निषाद पार्टी के प्रमुख हैं। बीते वर्ष सपा-बसपा गठबंधन के बाद प्रवीण निषाद ने गोरखपुर उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। निषाद पार्टी के प्रवीण ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले संजय निषाद और सपा के बीच मतभेद बढ़ गए। समाजवादी पार्टी एक बार फिर प्रवीण निषाद को साइकिल के चुनाव चिन्ह पर उतारने की तैयारी में थी, लेकिन संजय निषाद अपनी पार्टी के सिंबल पर लड़ाना चाह रहे थे। वह निषाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लडऩा चाहते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक मैदान गोरखपुर के लिए भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। भगवा दल अपने गढ़ को फिर से प्राप्त करने को प्रवीण निषाद को अपना प्रत्याशी घोषित कर सकता है।
भाजपा की और से गोरखपुर की कमान लगभग प्रवीण कुमार निषाद के हाथों में आना तय है | इसके साथ ही इनके पिता तथा निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी महराजगंज से भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। निषाद पार्टी का गोरखपुर के साथ ही बस्ती, महराजगंज, देवरिया व डुमरियागंज में अच्छा प्रभाव है। उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी का भाजपा में विलय होने से लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को पूर्वांचल में लाभ हो सकता है। निषाद पार्टी ने हाल ही समाजवादी पार्टी से रिश्ता तोड़ा है।
गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद के पिता संजय निषाद पूर्वांचल में प्रभाव रखने वाली निषाद पार्टी के प्रमुख हैं। बीते वर्ष सपा-बसपा गठबंधन के बाद प्रवीण निषाद ने गोरखपुर उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। निषाद पार्टी के प्रवीण ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले संजय निषाद और सपा के बीच मतभेद बढ़ गए। समाजवादी पार्टी एक बार फिर प्रवीण निषाद को साइकिल के चुनाव चिन्ह पर उतारने की तैयारी में थी, लेकिन संजय निषाद अपनी पार्टी के सिंबल पर लड़ाना चाह रहे थे। वह निषाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लडऩा चाहते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक मैदान गोरखपुर के लिए भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। भगवा दल अपने गढ़ को फिर से प्राप्त करने को प्रवीण निषाद को अपना प्रत्याशी घोषित कर सकता है।
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