Saturday 9 February 2019

जहरीली शराब की नदी में डूब गयी गरीबों की जानें

लोकसभा चुनाव में अब  कुछ ही दिन बाकी हैं और पूरे देश में चुनावी माहोल दिखने को मिल रहा है , रोज़ कोई न कोई विपक्षी नेता एक दूसरे  की कमियां ढूढ़ने में  लगा है पर इन सब के बीच अहम मुद्दों  को तबज्जों नहीं मिल पा रही है।  विपक्षी नेता कभी मोदी को राफेल की डील के इल्ज़ाम लगा रहे हैं तो  कभी प्रधानमंत्री  चौकीदार चोर कहने में ही व्यस्थ हैं। वहीं  देश के राज्यों में जहरीली शराब का कहर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है और शराब पीकर मरने वालों का आकड़ा बढ़ता ही जा रहा हैं।
 
 दरअसल बात करें तो उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आकड़ा 44 पहुंच चुका है। मरने वालों में 36 लोग सहारनपुर के हैं बाकि  8 लोग कुशीनगर से हैं। इस घटना के खुलासे के बाद पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है और  पुलिस ने  30 से ज्यादा लोगो की गिरफ्तारी की है और बाकी जांच  कर रही है। वहीं उत्तराखण्ड में भी कुछ  ऐसे ही हालात  सुनने में आ रहे  हैं। 28  लोगों के मरने  का आकड़ा पार हो चुका  हैं।

ऐसे हालातों को देखते हुए, सरकार ने 15  पुलिस अधिकारिओं को भी ससपेंड कर दिया हैं। कुल मिलाकर 72  लोगों की मौत आकड़ा सामने आया है। मुद्दे की बात ये हैं की सरकार किस चीज का इंतज़ार कर रही हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? लेकिन कब केंद्र सरकार इस मुद्दे में कोई एहम फैसला लेने वाली है। बता दें कि पिछले साल भी जहरीली शराब और नकली शराब पीकर मरने की ख़बर सामने आई थी। लेकिन साल बीतते गए पर इसका कोई रास्ता नही निकला। सालों के साथ सरकार भी भूल गइ पर जहरीली शराब जहरीली से और जहरीली होती गई और शराब को पीने वाले और शराब को पी कर मरने वालों की संख्या बढ़ती गई।

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