आज वसंत पंचमी है और माघ शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है। इस उपासना के महापर्व को बसंत पंचमी कहते है। आज ही कुंभ के शाही स्नान का तीसरा और अंतिम स्नान है। इस भव्य मौके पर कुंभ में श्रद्धालु श्रध्दा की डुबकी लगाएंगे और वसंत पंचमी के दिन उम्मीद है की 2 करोड़ लोग भी आस्था की डुबकी लगाएंगे। कहा जाता है की आज का स्नान बहुत ही महत्व होता है। इसकी ये महत्वता है। जो लोग आज गंगा मे स्नान करते है वो मोक्ष की प्राप्ति करते हैं। इस वजह से आज के स्नान के लिए 8 और 9 फरवरी से ही कुभं में श्रद्धालु का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था और जो लोग कुंभ नहीं आ पाए वो लोग घर पर ही नहाते समय पानी में गंगाजल मिला कर नहाते हैं । इस दिन के लिए सरकार ने भी कड़े इंतजाम किये हैं 130 स्पेशल ट्रैन और करीब 1500 नयी बस की सुविधा चालू की गयी हैं चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे उपाए बताते हैं जिन्हे कर आप पा सकते हैं माँ सरवती की कृपा ।
इस दिन पीले, बसंती या सफ़ेद वस्त्र धारण करें।
- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें।
-केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा।
- मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा।
- काले, नीले कपड़ों का प्रयोग पूजन में भूलकर भी ना करें।
इस दिन पीले, बसंती या सफ़ेद वस्त्र धारण करें।
- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें।
-केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा।
- मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा।
- काले, नीले कपड़ों का प्रयोग पूजन में भूलकर भी ना करें।
- सरस्वती माँ के पूजन के लिए पीला वस्त्र बिछाकर कर फिर मूर्ति को स्थापित करे फिर रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें।
- मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें।
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