Tuesday 5 March 2019

अरविन्द केजरीवाल ने चली नयी चाल

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर माथापच्ची जारी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होगा या नहीं, इस पर दोनों ओर से मंथन हो रहा है। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी शुरू से कांग्रेस के साथ गठबंधन के मुड में रही है, मगर कांग्रेस की दिल्ली टीम नहीं चाहती कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन हो। यही वजह है कि काफी मान-मनौव्वल के बाद आम आदमी पार्टी ने बीते दिनों दिल्ली की 6 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने गठबंधन के दरवाजे को बंद नहीं किया है। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए दो फॉर्मूला सुझाया है और अगर इन फॉर्मूला पर नजर डालें तो एक तरह से यह अब सौदेबाजी है।

सूत्रों की मानें तो अब आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को गठबंधन के लिए दो फॉर्मूला सुझाया है. अब अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सीटों का सौदा करने के मुड में है। आम आदमी पार्टी के पहले फॉर्मूला के तहत AAP चाहती है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी 6 सीटों पर लड़े और कांग्रेस महज एक पर। इस सूरत में आम आदमी पार्टी फिर कहीं चुनाव नहीं लड़ेगी, जहां कांग्रेस होगी। वहीं दूसरे फॉर्मूला के तहत आम आदमी पार्टी का कहना है कि अगर दिल्ली में कांग्रेस को ज्यादा सीटें चाहिए तो उसे पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में सीट देकर इसकी भरपाई करनी होगी।

सूत्रों के इस दावे की पुष्टि इस बात से भी होती है क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से अब तक 6 पर ही अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। उन्होंने अभी तक एक सीट पर अपना पत्ता नहीं खोला है। माना जा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी अब भी यह मानती है कि अगर कांग्रेस से साथ गठबंधन हो जाए तो उसके लिए यही सातवां सीट छोड़ दि जाए।

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