Friday 29 March 2019

महाभारत 2019: चुनावी खेल में 'सराब' का जिक्र


भारत में लोकसभा चुनाव में अब बस कुछ वक्त ही बचे है। ऐसे में देश के हर एक कोने और हर एक हिस्से में सियासी गर्मा-गर्मी जोड़ो पर है। 2019 में सरकार चाहे किसी की भी हो, पर इस साल के लोकसभा चुनाव ने राजनीतिक हड़कप के साथ-साथ पूरे देश को भी हिला कर रख दिया है। अब बात चाहे राफेल की हो या पुलवामा आतंकी हमले की हो, राजनीतिक दांव-पेच का सिलसिला लगातार चलते रहना अब लाज़मी सा हो गया है।  

दरअसल, चुनाव के बचे हुए कुछ वक्त में मोदी सरकार ने अपने प्रचार-प्रसार का अभियान शुरू कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मेरठ में रैली को संबोधित करते हुए कई पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने मेरठ रैली में ना केवल कांग्रेस पर निशाना साधा बल्कि सपा, बसपा और रालोद पर भी बयानों के वार करते हुए कहा की 'सपा का स, रालोद का रा और बसपा का ब मतलब सराब, ये शराब आपको बर्बाद कर देगी'. पीएम ने कहा कि यूपी में तो सब कुछ इतनी जल्दी-जल्दी हो रहा है कि पूछिए मत, दो लड़कों से बुआ-बबुआ तक पहुंचने में जो तेजी दिखाई गई है, वो गजब है। इन लोगों के लिए सत्ता से बढ़कर कोई नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने नारा बना रखा था- यूपी को लूटो बारी-बारी, उन्होंने गठबंधन पर तीखे वार करते हुए ये भी कहा है कि ये सराब यूपी के लोगो के लिए जानलेवा हो सकती है। इसे यूपी से निकाल फैंकना चाहिए।

वहीं मोदी के गठबंधन को सराब कहे जाने पर अखिलेश यादव ने ट्विट कर कहा, ‘‘आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वे लोग नहीं जानते जो नफ़रत के नशे को बढ़ावा देते हैं। सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो बीजेपी पांच साल से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं।”


पीएम नरेंद्र मोदी ने मेरठ में रैली को संबोधित करते हुए प्रचार का आगाज किया और मेरठ रैली के बाद रुद्रपुर पहुंचे और रुद्रपुर रैली में फिर विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा की आज एक तरफ नए भारत के संस्कार हैं और दूसरी तरफ वंशवाद का बोलबाला है. मैं चौकीदार हूं और चौकीदार किसी के साथ नाइंसाफी नहीं करता है। मैं अपना हिसाब दूंगा ही और साथ-साथ दूसरों का हिसाब भी लूंगा. ये दोनों काम साथ-साथ चलेंगे। इस भूमि पर देश के चौकीदार को आशीर्वाद देने के लिए इतने सारे चौकीदार एक साथ निकल पड़े हैं। जिस प्रकार देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां आकर लोगों ने, यहां के लोगों के साथ मिलकर काम किया है वो एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को साकार करता है। ऐसे ही एकजुट होकर हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। रुद्रपुर के बाद जम्मू-कश्मीर में भी रैली को संबोधित कर पीएम मोदी ने  विपक्षियों पर निशाना साधा।


पीएम मोदी ने एक दिन में तीन जगहों पर रैली कर के अपने बयानों और हो रहे विपक्षी पलटवार से लोकसभा चुनाव में सत्ता की कुर्शी के पीछे चल रहे राजनीतिक खेल को जान पाना आम बात है। लेकिन समझने वाली बात ये है कि एक दूसरे पर तंज कसने के इस खेल में भाजपा 2014 की तरह इस बार भी दांव जीत पायेगी या फिर इस बार गठबंधन की सरकार सत्ता की चाह को पुरा कर केंद्र में फतेह हासिल कर लेगी। खैर इन सभी बातों को जानने के लिए मई के चुनावी रिजल्ट का इंतजार करना होगा उसके बाद ही पता चल पायेगा कि आखिर अबकी बार किसकी सरकार ? 

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