काठगोदाम में स्थित एचएमटी फैक्ट्री को हमेशा के लिए सील कर दिया गया है | कर्मचारी व फैक्ट्री के वर्कर सील होने के कारण काफी बोखला गए हैं | सील के साथ साथ फैक्ट्री के बाहर नोटिस जारी कर उसे दिवार पर लगा दिया गया है |
एचएमटी फैक्ट्री प्रबंधन ने देर रात एचएमटी कारखाने पर नोटिस चिपकाते हुए मुख्य गेट में तालाबंदी कर उसे सील कर दिया है। एचएमटी द्वारा लगाए गए नोटिस में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है, जबकि कर्मचारी नेताओं का सीधा आरोप है की एचएमटी फैक्ट्री प्रबंधन ने अनैतिक रूप से कारखाने में तालाबंदी की है। जिसके खिलाफ एचएमटी कारखाने में कार्यरत कर्मचारियों ने डीआईजी अजय जोशी को शिकायती पत्र सौंपकर प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
एचएमटी फैक्ट्री के कर्मचारी नेताओं का कहना है की फैक्ट्री प्रबंधन ने हाईकोर्ट के आदेशों को ताक में रखते हुए कारखाने में तालाबंदी की है। कर्मचारियों का कहना है की वो इसका पुरजोर विरोध करते हैं जल्द अगर कार्रवाई नहीं होगी तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे गौरतलब है कि 2016 से एचएमटी कारखाने में उत्पादन का कार्य बंद हैं। 512 कर्मचारियों में से 366 कर्मचारी अब तक वीआरएस ले चुके हैं और 146 कर्मचारी अभी भी मिल प्रबंधन से वीआरएस लेने की सैद्धांतिक लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले 39 महीनों से एचएमटी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है जबकि हर माह उनको वेतन स्लिप दी जाती है उनका इनकम टैक्स भी काटा जाता है।
एचएमटी फैक्ट्री प्रबंधन ने देर रात एचएमटी कारखाने पर नोटिस चिपकाते हुए मुख्य गेट में तालाबंदी कर उसे सील कर दिया है। एचएमटी द्वारा लगाए गए नोटिस में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है, जबकि कर्मचारी नेताओं का सीधा आरोप है की एचएमटी फैक्ट्री प्रबंधन ने अनैतिक रूप से कारखाने में तालाबंदी की है। जिसके खिलाफ एचएमटी कारखाने में कार्यरत कर्मचारियों ने डीआईजी अजय जोशी को शिकायती पत्र सौंपकर प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
एचएमटी फैक्ट्री के कर्मचारी नेताओं का कहना है की फैक्ट्री प्रबंधन ने हाईकोर्ट के आदेशों को ताक में रखते हुए कारखाने में तालाबंदी की है। कर्मचारियों का कहना है की वो इसका पुरजोर विरोध करते हैं जल्द अगर कार्रवाई नहीं होगी तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे गौरतलब है कि 2016 से एचएमटी कारखाने में उत्पादन का कार्य बंद हैं। 512 कर्मचारियों में से 366 कर्मचारी अब तक वीआरएस ले चुके हैं और 146 कर्मचारी अभी भी मिल प्रबंधन से वीआरएस लेने की सैद्धांतिक लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले 39 महीनों से एचएमटी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है जबकि हर माह उनको वेतन स्लिप दी जाती है उनका इनकम टैक्स भी काटा जाता है।
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